पोप फ्रांसिस का 88 साल की आयु में निधन, वेटिकन सिटी में ली अंतिम सांस

Pope Francis Dies at the Age of 88

Pope Francis Dies at the Age of 88

वेटिकन सिटीPope Francis Dies at the Age of 88: पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया है। वेटिकन के कैमर्लेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने बताया है कि पोप फ्रांसिस ने रोम के समय के हिसाब से सोमवार सुबह 7:35 बजे अंतिम सांस ली। वह 88 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। फेरेल ने अपने बयान में कहा कि पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन गॉड और चर्च की सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने लोगों को हमेशा प्रेम और साहस के साथ जीने का पाठ पढ़ाया। पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब नए पोप का चुनाव किया जाएगा। कार्डिनल मिलकर नए पोप का चुनाव करेंगे।

पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था। उन्होंने 13 मार्च 2013 को पोप का पद संभाला था, जो रोमन कैथोलिक चर्च का सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है। रोम के बिशप और वैटिकन के राज्याध्यक्ष को पोप कहा जाता है। पोप फ्रांसिस लैटिन अमेरिका से आने वाले पहले पोप थे। पोप फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल में चर्च में सुधारों को बढ़ावा दिया। उनको अपने मानवीय क्षेत्र में किए कामों के लिए भी जाना गया।

ईस्टर पर दिखे थे पोप फ्रांसिस

पोप फ्रांसिस ईस्टर रविवार के अवसर पर सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों की भीड़ के सामने कुछ समय के लिए आए थे और सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पोप फ्रांसिस ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं भी दी थीं। हालांकि पोप फ्रांसिस ने पियाजा में ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा नहीं लेकर इसे सेंट पीटर्स बेसिलिका के सेवानिवृत्त कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री को सौंप दिया।

पोप फ्रांसिस को कुछ समय पहले को निमोनिया हो गया था। उनकी तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ गई थी लेकिन हालिया दिनों में वह इससे उबर रहे थे। रविवार ईस्टर के मौके पर भी उनकी आवाज प्रभावशाली लगी थी लेकिन सोमवार को अचानक उनकी मौत की खबर दुनिया के सामने आ गई।

पोप महत्वपूर्ण धार्मिक पद

पोप का पद कैथोलिक चर्च के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पोप को चर्च का सर्वोच्च धार्मिक नेता माना जाता है। पोप के लिए गए फैसले दुनियाभर के करोड़ों कैथोलिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं। कैथोलिक समुदाय के लिए पोप फ्रांसिस की मौत निश्चित रूप से किसी सदमे से कम नहीं है। पोस फ्रांसिस की मौत के बाद दुनियाभर से लोग उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।